!! ॐ !!


Saturday, October 22, 2011

!! अपनी करुणा बरसा दो प्रभु, मैं खाली झोली लाया हूँ... !!



हे मेरे श्यामसुन्दर, हे करुणाकर प्रभु... हे दीनबंधु भगवन...


दीनानाथ, दीनबंधु है तू, मैं तेरी शरण में आया हूँ....
अपनी करुणा बरसा दो प्रभु, मैं खाली झोली लाया हूँ...
दीनानाथ दीनबंधु है तू, मैं तेरी शरण में आया हूँ....
अपनी करुणा बरसा दो प्रभु, मैं खाली झोली लाया हूँ...



हे दयानिधि, हे करुणासिंधु, निज भक्तन का प्रतिपाल है तू...
तेरे द्वार से खाली क्यूँ जाऊं, अपने को अकेला क्यूँ पाऊं...
कल तुझमे ही समा जाऊंगा, मैं आज जो तुझसे बिछड़ा हूँ...
दीनानाथ, दीनबंधु है तू, मैं तेरी शरण में आया हूँ....



दीनानाथ दीनबंधु है तू, मैं तेरी शरण में आया हूँ....
अपनी करुणा बरसा दो प्रभु, मैं खाली झोली लाया हूँ...



मैं योग ना जानू, न जप जानूं, पूजा पाठ ना जानू न विधि जानू...
मैं लोक न जानू न जग जानू, तुमको अपना सब कुछ मानू...
मुझे अपने शरण में ले लो प्रभु, इस दुनिया का ठुकराया हूँ...
दीनानाथ दीनबंधु है तू, मैं तेरी शरण में आया हूँ....



दीनानाथ दीनबंधु है तू, मैं तेरी शरण में आया हूँ....
अपनी करुणा बरसा दो प्रभु, मैं खाली झोली लाया हूँ...



प्यारे मुझपर उपकार करो, मेरी नैया भव से पार करो...
अज्ञानी हूँ कुछ ज्ञान भरो, अपनी कृपा का विस्तार करो...
प्रेम अश्रु लिए तेरे द्वार खड़ा, मैं बनकर भिखारी आया हूँ...
दीनानाथ दीनबंधु है तू, मैं तेरी शरण में आया हूँ...



दीनानाथ दीनबंधु है तू, मैं तेरी शरण में आया हूँ....
अपनी करुणा बरसा दो प्रभु, मैं खाली झोली लाया हूँ...
दीनानाथ दीनबंधु है तू, मैं तेरी शरण में आया हूँ....
अपनी करुणा बरसा दो प्रभु, मैं खाली झोली लाया हूँ...



!! जय जय करुणाकर, दीनबंधु श्यामसुन्दर की !!
!! जय जय दयासिन्धु, कृपानिधि श्यामसुन्दर की !!


2 comments:

  1. सुंदर प्रस्तुति

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  2. बहुत सुन्दर भावो भरी प्रार्थना।

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